मुझे नितिन गड़करी से मिलने का अवसर फ़िक्की ( FICCI ) के एक कार्यक्रम के दौरान मिला था। उनके द्वारा दिए गए भाषण से बहुत प्रभावित हुआ था। भाषण के बाद वहाँ लगाए गए विभिन्न स्टालों का मुआयना के वक़्त मैं भी उनके साथ था। जिस प्रकार वह आइ॰आइ॰टी॰ मुंबई और दूसरे स्टाल पर उनके उत्पादों पर चर्चा करते हुए सुझाव दे रहे थे मैं हैरान था। आम तौर पर लोगों पर राजनीतिज्ञ की अवधारणा ग़लत बनी हुई है लेकिन गड़करी एक समझदार, जानकार और सुलझे हुए व्यक्ति हैं। उनके पास ऐसे कई योजनाएँ हैं जो कार्यान्वित हो जाए तो देश से ग़रीबी, बेरोज़गारी दूर हो जाएगी।
केंद्रीय मंत्री के तौर पर नितिन गड़करी सड़क परिवहन मंत्रालय एवं MSME मंत्रालय संभाल रहे हैं।देश में सड़क बनाने वाले मंत्री से भी जाने जाते हैं। छोटे और मध्यम उद्योग दोनो सम्भालते हैं।लक्ष्य निर्धारित करते हैं फिर अफ़सरों के साथ मिलकर निर्धारित समय में कार्यान्वित करते हैं। वह अपनी बातों को सीधा,सरल और आँकड़ों में लोगों को समझते हैं। उन्होंने MSME पर अपना ध्यान केंद्रित करने का कारण बताया। उन्होंने बताया कि MSME से देश में 28 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि होती है तथा 49 प्रतिशत का निर्यात होता है। इससे 11 करोड़ रोज़गार का सृजन होता है। उन्होंने अपने कार्यकाल में सड़कों की जाल बिछा दी। देश की सबसे पहली बनी मुंबई पुणे एक्सप्रेस हाईवे गड़करी की देन है। उनका लक्ष्य था 40 कि॰मी॰ प्रतिदिन सड़क बनाने का जो आज 32 कि॰मी॰ तक पहुँच गया है। उन्होंने हमेशा इस बात पर बल दिया है कि ग्रामीण क्षेत्र एवं वनीय क्षेत्र में कुटीर उद्योग उद्योग लगे और उन उत्पादों को निर्यात हो। इसलिए उनका प्रयास रहा है कि सड़के उन्ही क्षेत्र में बने जिससे आवागमन की अच्छी सुविधा मिल सके। इसका उदाहरण नयी निर्मणधिन दिल्ली मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग है।
उनके पास कमाल के योजनाएँ होतीं हैं जो हैरान करतीं हैं।उन्होंने वैकल्पिक ईंधन बायोडीज़ल को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया जिससे ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन कम हो। बिजली से चलने वाली गाड़ियों को देश में अनिवार्य करना इनकी प्राथमिकता है। उनका भारत में बिजली से चलने वाली गाड़ियों के निर्माण का हब बनाने की योजना है। गंगा नदी में मालवाहक जहाज़ का चलाना उन्होंने शुरू की जिससे समय और ईंधन की बचत होती है।
नरेंद्र मोदी वर्ष 2024 तक प्रधान मंत्री रहेंगे इसमें कोई शक नहीं। लेकिन 2024 के चुनाव के बाद उनका प्रधान मंत्री बने रहना मुश्किल हो सकता है जिसका कारण ढलती उम्र होगी। उसके बाद भाजपा का नेतृत्व कौन करेगा यह बहुत बड़ा सवाल भाजपा और संघ के सामने होगा। भाजपा के पास दो विकल्प होंगे नितिन गड़करी और अमित शाह। दोनो की उम्र कम और अपनी विशिष्टता है। आज अमित शाह की लोकप्रियता ज़्यादा हो सकती है लेकिन यह ज़्यादा दिनों तक रहेगी इसमें शक है।
इस बात से शायद ही किसी का मतभेद हो कि गड़करी के व्यक्तित्व के गुणों में विशिष्ट उदारता के गुण की तरफ़ लोगों का आकर्षण रहा है। गड़करी और शाह ने शुरू से ही राजनैतिक जीवन संघ में ही बिताया। इसके बावजूद गड़करी की छवि एक उदार नेता की है। गड़करी को कभी भी जुमले देते नहीं सुना। जबकि आज सरेआम कोई बयान देकर उसे झूठलाने की राजनैतिक शैली भारतीय राजनीति में हद दर्जे तक परवान बढ़ चुकी है। अंत में मैं यह कह सकता हूँ कि नितिन गड़करी की तरह जानकार और सूझ बुझ वाले नेता भारतीय राजनीति में कम हैं।
Gadkari jee is a dedicated person. Your blog is very impressive and close to heart.
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