आज करोना काल में दुनिया जितनी विचारवान है मेरी जानकारी में पहले कभी नहीं थी। राजनैतिक,सामाजिक एवं आर्थिक सबकुछ इस करोना ने बदल दिया है।
वर्तमान समय हमारे सामने बहुत सी समस्याएं लेकर आई है। सारी दुनिया के लेखकों, कवियों को आगे आना चाहिए क्योंकि सभी लोग एक दूसरे की समस्याओं से परिचित हैं। कहानी और कविताओं के जरिए लोगों में हिम्मत, आत्मविश्वास एवं नई चेतनाओं को जगाने की जरूरत है। आज लेखक एवं कवि की जिम्मेदारी बढ़ गई है क्योंकि लेखक और कवियों ने हमेशा अपने कलम से समाज में चेतना को जगाया है। इसलिए आज विज्ञान और राजनीति से मायूस दुनिया की नज़रें लेखक और कवि की तरफ है।
आज मुंशी प्रेमचंद की जयंती है। ईदगाह, शतरंज के खिलाड़ी, नमक का दारोगा, कर्मभूमि जैसे उपन्यास लिखने वाले प्रेमचंद जी आज २१ वीं शताब्दी में भी लोगों के दिल में बसते हैं। प्रेमचंद, दिनकर जैसे लोगों ने अपने कलम से समाज को बदल दिया। वर्तमान परिस्थिति में लोगों में स्फूर्ति,साहस, विश्वास को जगाना ही प्रेमचंद जी को सच्ची श्रद्धांजली होगी।
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