Wednesday, 8 April 2020

पानी का व्यावसायीकरण

पानी का व्यावसायीकरण और निजीकरण 
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दिल्ली मेट्रो स्टेशन के बाहर वॉटर डिस्पेंसर लग रहे हैं।एक छोटे से गिलास में १रु में पानी बेचा जा रहा है।सोचने पर मज़बूर हुआ कि पानी कैसे बिक सकता है।अगर इसी तरह पानी बिकना आरम्भ होता है तो ये ग़रीब इंसान ,पशु-पक्षी , पेड़ - पौधे कैसे पानी ख़रीद पाएँगे ? देश की सरकारों ने जिस प्रकार सरकारी  विद्यालय,अस्पताल कॉलेज को धीरे धीरे ख़त्म के कगार पर ला दिया उसी प्रकार हवा,पानी आदि प्राकृतिक संसाधनों को भी उस अवस्था में न ले आए ।एक योजनाबद्ध तरीक़े से सभी सार्वजनिक स्थानों से प्याऊ,नल, हैंडपम्प,आदि हटा दिए गए।ऐसा क्या हुआ की पिछले १०-१५ वर्षों से पानी का बिकना आरम्भ हो गया। सरकारों ने पानी बेचना शुरू कर दिया जैसे रेल नीर आदि।
हमारे सविंधान के “आर्टिकल २१ - जीवन के अधिकार “ से भी यह स्पष्ट होता है कि सरकार को शुद्ध पानी की व्यवस्था करना चाहिए।कोई भी जनकल्याणकारी सरकार देश के नागरिकों को उनकी मूलभूत आवश्यकताएँ उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
अब तो पानी के व्यवसायिकरण के साथ साथ निजीकरण की सरकारी मुहिम अचानक जोड़ पकड़ने लगी है।बिजली की निजीकरण का फल लोग भुगत रहे हैं।पावर सप्लाई के तर्ज़ पर वॉटर सप्लाई की निजीकरण का शोर है।जहाँ पर पानी की कमी है वहाँ हफ़्ते में वॉटर सप्लाई के ज़रिए पानी दिया जाता है।ऐसे में प्राईवेट लोग मनमानी करते हैं।लगभग १०,००० करोड़ डॉलर का पानी का वैश्विक कारोबार है।भारत बोतल बंद पानी का दसवाँ बड़ा उपभोक्ता है।जल के व्यावसायिकरण से ग़रीब और कमज़ोर लोग जो इसके लिए उतना मूल्य देने में सक्षम नहीं हैं जितना धनी लोग दे सकते हैं उनकी पहुँच से पानी दूर हो जाएगा।जल के निजीकरण के लिए सबसे बड़ी वजह निजी क्षेत्र का व्यावसायिक प्रभाव ही है।
प्रकृति ने हमें पानी प्रचूर मात्रा में दिया है।प्रकृति का यह उपहार स्वतंत्र रूप से बिना किसी विषमता के सब के लिए समान रूप से उपलब्ध होना चाहिए।यह क़ानून के द्वारा  सरकार को सुनिस्चित करना चाहिए की इन संसाधनों का बचाव किया जाए और इसका किसी तरह का व्यावशायिकरण या निजीकरण न हो।नागरिकों की भी ज़िम्मेवारी बनती है कि पानी की बर्बादी नहीं करें एवं सरकार का प्रबंधन में सहयोग करें।
पीने योग्य पानी सभी सार्वजनिक रूप से मुफ़्त मिले यही हम सब का प्रयास होना चाहिए।

1 comment:

  1. Sir, very good article. Ofcourse all drinking water should be free at public places with certain limit. I think apart from this the major issue to be taken is Land, Labour, Education and Health system.

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